latest news g7 news 24/06/2024 | शाजापुर में स्कूल चले हम अभियान वाले दिन शासकीय प्राथमिक विद्यालय में नॉनवेज पकाने के मामले में सरपंच को धारा 40 के तहत नोटिस जारी करने, सचिव को निलंबित करने के बाद गुरुवार को मामले में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य को भी निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है 18 जून को स्कूल चले हम अभियान का पहला दिन था। इस दिन विद्यालयों में बच्चों का पुष्पमालाओं से स्वागत कर व तिलक कर विद्यालय में प्रेरित किया जाना था। लेकिन इस दिन जब शासकीय प्रावि जादमी में बच्चे पहुंचे तो वहां नॉनवेज पकाया जा रहा था। जिसे देख विद्यालय के प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में आए बच्चे भी लौट गए। इसके बाद मामले में पता चला कि सरपंच ने इन्हें विद्यालय परिसर में ठहरने की अनुमति दी थी तो काम पूरा होने के बाद भी स्कूल परिसर में ही ठहरे हुए थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र से प्रारम्भिक जांच कराई गई। जांच में विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक जनपद शिक्षा केन्द्र शाजापुर ने संस्था में उपस्थित होकर जांच की तो पाया गया कि आरोपी पीर खां निवासी ग्राम जादमी ग्राम पंचायत भदोनी द्वारा प्राथमिक विद्यालय जादमी में अतिक्रमण करते हुए 18 जून को संस्था परिसर में पकाया गया। घटना को देखते हुए मांस पकाने वाले आरोपी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। इस पर जिला पंचायत सीईओ संतोष टैगोर ने गुरुवार को भदोनी गांव के सरपंच रतनलाल मालवीय को पंचायतराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत कार्यवाही करने के संबंध में नोटिस दिया गया एवं ग्राम पंचायत के सचिव भंवर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था। वहीं गुरुवार को विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य नंदराम बैरागी को भी निलंबित किया गया है।
प्रभारी प्रधानाचार्य ने नहीं दी अधिकारियों को जानकारी
जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे ने बताया कि जादमी में हुई घटना संज्ञान में आई थी। जहां मांस पकाया जा रहा था जो विद्यालय परिसर में नहीं होना था। उन्होंने बताया कि स्कूल चलें हम कार्यक्रम वाले दिन यह कार्य हो रहा था। जिससे बच्चों को भी परेशानी हुई। जिसके बाद सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के बाद जांच की प्रथम रिपोर्ट के आधार पर स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य नंदराम बैरागी को निलंबित कर दिया है। उन्होंने बताया कि पूरा मामला मीडिया में आ गया लेकिन वहां के शिक्षक ने हमें इसकी जानकारी नहीं दी जिससे साबित होता है कि उन्होंने तथ्य छिपाए हैं।