इंदौर में हनी ट्रैप जैसा एक हाई प्रोफाइल मामला सामने आया है। लसूड़िया थाना पुलिस ने एक ज्वैलर्स की शिकायत पर एक महिला पर ब्लैकमेल करने और रेप के झूठे केस में फंसाने के नाम पर केस दर्ज किया है। महिला ने ज्वैलर्स से दोस्ती कर करीब 70 ग्राम से ज्यादा सोना, बेशकीमती घर, कार, लाखों रूपए नकदी, बीमा पालिसी, मोबाइल और अन्य सामान हड़प लिया।महिला मामले में ज्वेलर्स के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराने पहुंची थी। लेकिन जब ज्वेलर्स ने पुलिस को डॉक्यमेंट के साथ झूठे केस का आवेदन दिया तो पूरी कहानी सामने आई।जाने क्या है पूरा मामलालसूड़िया टीआई तारेश सोनी ने मनोज निवासी तुकोगंज की शिकायत पर शीतल ठाकुर उसके पिता राजेन्द्र प्रसाद यदुवंशी और दोस्त अमजद पटेल पर धारा 384, 388, 34 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक मनोज ने मई 2024 में शिकायती पत्र दिया था। जिसमें बताया कि उसका सराफा में सोना चांदी का व्यवसाय है। बुजुर्ग माता-पति, पत्नी और बच्चे(23) और(13 )साल के है। जो मनोज के साथ रहते है। साल 2017 में शीतल ठाकुर अपने भाई की शादी की ज्वेलरी खरीदने के लिए मनोज की सराफा स्थित शॉप पर आई थी। तभी से शीतल और मनोज की जान पहचान होकर दोस्ती हो गई थी।शीतल ठाकुर अकसर मनोज की दुकान और कभी कभी घर पर भी आती थी। शीतल ठाकुर ने मनोज को बताया था कि वह प्राइवेट नौकरी करती है। उसका पति से तलाक हो चुका है, उसका एक बेटा भी है। जो शीतल के साथ कभी कभी मेरी शॉप पर आता था।खुद को अकेला बता नजदीकी बढ़ाईमनोज ने पुलिस को शिकायत में बताया कि शीतल ठाकुर धीरे धीरे उससे दोस्ती बढ़ाने लगी। अक्सर अकेला पन और दुखी होने की बात करके मेरे से नजदीकी बढ़ाई और फिर दोनों की आपसी सहमति से पहली बार जून 2017 में सबंध बने। इसके बाद शीतल ठाकुर अक्सर मेरे साथ घूमने जाती। इसी बीच कई बार दोनों के बीच आपसी संबंध भी बने।शीतल ठाकुर जब भी मेरे दुकान पर आती वहां से ज्वेलरी भी लेकर जाती थी। शीतल इन ज्वेलरी की कभी कोई कीमत नही दी। दोस्ती होने के कारण मैने भी उस ज्वेलरी के कभी कोई रूपए नही लिए। अब तक शीतल ठाकुर दुकान से 60 से 70 ग्राम सोने की ज्वेलरी ले जा चुकी है। साल 2019 से शीतल अपनी अलग अलग जरूरतों के लिए मुझसे रूपए भी लेने लगी। शीतल और मनोज के बीच दोस्ती थी। दोनों साथ साथ घूमते फिरते थे। दोनों के बीच आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनते थे। इसलिये मनोज उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए रुपए भी देने लगा।हर महीने सैलरी के तौर पर देता था 40 हजारशीतल ठाकुर के कहने पर उसके पिता के माध्यम से मनोज ने कई बीमा पॉलिसी शीतल के नाम से ली। जिसके रूपए भी मनोज ने नकद दिए है। शीतल ठाकुर के कहने उसके बेटे का डीपीएस स्कूल में एडमिशन करवाया। जिसकी फीस भी मनोज से दिलवाई गई। धीरे धीरे शीतल की डिमांड बढ़ती गई और शीतल मनोज से ज्यादा रूपए की मांग करने लगी।मनोज के रुपए देने में टालने पर या देर करने पर शीतल के हाव भाव बदलने लगे। वह मनोज के साथ दुर्व्यवहार करने लगी। मनोज मजबूरी में शीतल की बात को मानने लगा। शीतल ठाकुर को मनोज ने दूसरे खर्चो के अलावा हर महीने 40 हजार उसके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए। मनोज इन रूपए को में अपनी अंकाउट बुक में शीतल के सैलरी के तौर पर दिखाया।मकान खुद के नाम नहीं करने पर दी पुलिस की धमकीमनोज ने साल 2019 में देवास नाका के पास स्कीम नंबर 114 पार्ट 2 में प्लॉट खरीदा। प्लाट में मकान बनने के बाद शीतल ठाकुर और उसके परिवार ने मनोज से यह मकान रहने के लिये मांगा जाने लगा। मना करने पर मनोज को बर्बाद करने की धमकी देने लगे। दबाव में आकर मनोज ने साल 2021 में शीतल ठाकुर को यह मकान रहने के लिए दे दिया। जहां शीतल और उसका बेटा रहता था। मकान में शीतल के परिवार के लोगों का भी आना जाना होने लगे।कुछ समय बाद शीतल मनोज से मकान को उसके नाम पर करने का दबाव बनाने लगी। मनोज के इनकार करने पर शीतल और उसके पिता राजेन्द्र यंदुवंशी, बहन नम्रता यंदुवंशी ने मकान को शीतल के नाम पर करने की बात कही। बात नहीं मानने पर सभी ने मनोज को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। शीतल की डिंमाड पर मनोज ने अपने फर्म के नाम पर शीतल को एक स्विफ्ट कार खरीदी। जिसका उपयोग अभी भी शीतल ही कर रही है। मनोज ने शीतल को उसके कहने पर नया मोबाइल भी खरीदा था।मनोज ने पुलिस को बताया कि साल 2023 से शीतल स्कीम नंबर 54 स्थित गोल्ड जिम में जाने लगी। यहां वह किसी अमजद पटेल नाम के व्यक्ति के संपर्क में आई। एक दिन उसके मोबाइल देखने पर पता चला कि शीतल और अमजद पटेल की काफी लंबी बातें होती है। पूछने पर उसने बताया कि अमजद पटेल से बात करती हूं और साथ में घूमने फिरने भी जाते हैं। इसके बाद से शीतल का व्यवहार तेजी से बदलने लगा और उसकी पैसों की डिमांड बढ़ने लगी। मना करने या देरी करने की बात पर बार बार पुलिस की धमकी देने लगी।शीतल ने मनोज को पुलिस की धमकी देते हुए कहा कि स्कीम नंबर 114 पार्ट का मकान मेरे नाम नही किया तो तुम्हें रेप के झूठे केस में फंसा दूंगी। शीतल ठाकुर के पिता और बहन ने भी मकान को शीतल के नाम ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा। मजबूरी में मनोज ने अपनी प्रॉपर्टी पेपर शीतल ठाकुर को दे दिए और एक वसीहत भी उसके नाम लिखी। लेकिन शीतल के परिवार ने कहा कि वसीयत करने और पेपर देने से काम नही चलेगा। मकान शीतल के नाम पर ट्रांसफर करो।अब तक करीब 45 लाख रुपए एठेंमनोज ने पुलिस को बताया कि साल 2024 मार्च तक शीतल को लगभग 45 लाख रूपए नकदी बैक के माध्यम से दे चुका हूं। इसके अलावा शीतल की मांगों को पूरा करते हुए थक चुका हूं। अब पैसों की मांग पूरी करने से इनकार करने पर वह मुझे रेप के केस में फंसाने की धमकी देती है। जबकि शीतल ठाकुर और मेरे बीच संबंध आपसी सहमति से बने है। मेरे द्वारा कभी कोई उसके साथ कोई जबरदस्ती नही की गई। शीतल ठाकुर और मेरे सबंध की जानकारी मेरे और उसके परिवार के लोगो को भी थी। शीतल ठाकुर ने मेरे मकान पर अवैध कब्जा कर रखा है।