G7 News | Today News नीमच। भगवती की कृपा जिस पर बरस रही है, वह धर्म लाभ ले रहा है। भक्ति ऐसा मार्ग है, जिस पर चलने से हर दुख का निवारण संभव है। इसके अनेकों को उदाहरण हमारे शास्त्रों में हैं। शास्त्रों के अध्ययन से साधन और भक्ति के मार्ग प्रशस्त होता है।
यह बात राष्ट्रीय संत डॉ. वसंत विजय जी महाराज ने दशहरा मैदान में सनातन सर्वधर्म भैरव भक्ति महोत्सव के अंतर्गत भैरव महापुराण कथा में दूसरे दिन व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि माँ भगवती की कृपा जिस पर बरस रही है, वह भैरव भक्ति महोत्सव में धर्म लाभ ले रहा है। गुरूदेव ने कहा कि प्रत्येक घर में कुलदेवता, गणेश और गुरु जरूर होना चाहिए, लेकिन हमारा इष्ट एक हो। अगर इष्ट अनेक होंगे, तो हालात वैसे हो जाएंगे, जैसे एक बच्चे के 9 मामा और प्रत्येक मामा समझता है कि बच्चे दूसरे के यहां भोजन कर लिया होगा और बच्चा भूखा रह जाता है। कथा में गुरुदेव ने रत्नों के महत्व को समझाया और कहा कि रत्नों की जानकारी के बगैर उसे धारण करना नुकसान का कारण बन सकता है। रत्न धारण करने से पहले उसकी जानकारी प्राप्त करें, उसके बाद धारण करें, तो आपको को लाभ होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हर रत्न जिसे पन्ना कहा जाता है, वह एक ऐसा रत्न है, जिसके धारण करने अपनों को नुकसान नहीं होता है।
दीपदान का महत्व समझाया, दीप कराए प्रज्ज्वलित-
प्रथम दिन की कथा में महाराज ने कह दिया कि शनिवार को सभी दीपक, तील व तेल लेकर आए। शनि को कैसे प्रसन्न करें, इसका विधान बताएंगे। कथा में पहुंचे श्रद्धालु दीपक और तेल लेकर पहुंचे थे। इस दौरान गुरुदेव ने पहले तो शनिदेव के जन्म और बचपन का प्रसंग सुनाया, जिसमें उन्होंने कहा कि किस तरह शनिदेव को बलशाली और सभी विधाओं का ज्ञाता बनाने के लिए तप साधना की और ब्रह्माजी के सुझाव पर उन्होंने शनिदेव का गुरु भैरवनाथ को बनाया और भैरवनाथ से शिक्षा पाकर शनिदेव इतने बलशाली बने की, उनके क्रोध से देवता भी घबराने लगे। कथा में गुरुदेव ने दीपदान का महत्व समझाते हुए कहा कि आप शनिदेव को दीप प्रज्ज्वलित कर अर्पित करते हो, तो आप के कष्टों का हरण शनिदेव करते है। इस मौके पर श्रद्धालुओं दीप प्रज्ज्वलित कर दीपदान किए।
मेरा उद्देश्य, मेरे देश की जनता की खुशी-..
गुरूदेव ने कहा कि मैं न तो मोबाइल पर किसी से बात करता हुं और न ही किसी के संपर्क में रहता हूं, लेकिन गांव-गांव जाकर भक्तों के दुखों का निवारण करने के लिए साधना और भक्ति करता हूं और इसी कारण नीमच भी आया हुं। उन्होंने कि मेरा उद्देश्य मेरे देश की जनता की खुशी है और उनके दुखों का निवारण है। गुरूदेव ने महोत्सव में 20 नवंबर को 2024 प्रकार की मिठाईयां भैरवनाथ को अर्पित की जाएगी और 21 नवंबर को विश्व की सबसे बड़ी रांगोली डॉ.राजेंद्र प्रसाद स्टेडियम में बनेगी। भैरव भक्ति महोत्सव में सुबह साधना, दिन में कथा और शाम को कष्ट हर यज्ञ हुआ। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक राकेश पप्पू जैन, राजकुमार सोनी, सुनिल कटारिया, शैलेंद्र गर्ग, हेमंत सिंहल, सुनील जैन, शौकिन जैन, सत्यनारायण पाटीदार (लाला), कान्हा सोनी सहित बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।