नीमच (मप्र), 18 अप्रैल 2025
सीआरपीएफ के 85वें स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर बताते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जो नक्सली कभी पशुपतिनाथ से तिरुपति तक लाल आतंक फैलाने का सपना देखते थे, अब वे मात्र चार जिलों में सिमटकर रह गए हैं। शाह ने ऐलान किया कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा।
नक्सलवाद के खात्मे में सीआरपीएफ की भूमिका अहम
गृहमंत्री ने कहा कि यह कार्य केवल सीआरपीएफ जैसी बलशाली और समर्पित फोर्स ही कर सकती थी। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने जंगलों और दुर्गम इलाकों में घुसकर नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। अब सबसे खूंखार नक्सली भी ‘कोबरा’ का नाम सुनते ही कांपने लगते हैं।
2264 जवानों ने दिया बलिदान
शाह ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए बताया कि अब तक सीआरपीएफ के 2264 जवान देश की सुरक्षा के लिए शहीद हो चुके हैं। इनकी वीरगाथा देश की आज़ादी के 100 वर्षों के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी।
ऑपरेटिंग बेस से हिंसा में 70% कमी
गृहमंत्री ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सीआरपीएफ ने 400 से ज्यादा फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) स्थापित किए हैं, जिससे हिंसा में 70% तक गिरावट आई है।
महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
अमित शाह ने कहा कि अब सीआरपीएफ में महिलाओं की भर्ती हो रही है और उनके लिए बेहतर आवास एवं सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। बल को आधुनिक बनाया जा रहा है और अब तक 2708 जवानों को वीरता पदक मिल चुके हैं।
हर मोर्चे पर सीआरपीएफ डटी रही
गृहमंत्री ने कहा कि कश्मीर हो, उत्तर-पूर्व या नक्सल क्षेत्र — हर जगह सीआरपीएफ ने बहादुरी से डटकर देश की रक्षा की है। उन्होंने 2001 के संसद हमले और 2005 के श्रीराम जन्मभूमि हमले में भी सीआरपीएफ की भूमिका को याद किया।
उन्होंने कहा कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव हुए — एक भी बूथ नहीं लूटा गया, न कोई गोली चली।
समारोह की झलकियां
समारोह नीमच स्थित ग्रुप सेंटर में आयोजित हुआ। शाह ने परेड की सलामी ली और वीरता पदक पाने वाले जवानों को सम्मानित किया। कोबरा, आरएएफ, वैली क्यूएटी और डॉग स्क्वॉड यूनिट्स ने प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मंत्री निर्मला भूरिया और सीआरपीएफ महानिदेशक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे।