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नीमच के राहुल को मिली दुनिया के 4000 लोगों के बीच डॉक्टरेट की उपाधि सामाजिक कला में निभाई अहम भूमिका

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Breking News, 14/2024 |आज के आधुनिक दौर में हर कोई व्यक्ति डॉक्टरेट की उपाधि पाने के लिए कड़ी मशक्कत और मेहनत करता है जिसके बाद कहीं जाकर उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि मिलती है कई लोगों को तो सालों मेहनत करनी पड़ती है । 

वहीं अगर नीमच जिले की बात की जाए तो जिले के जीरन तहसील के गांव कुंचडोद के रहने वाले राहुल कुमार लोहार ने सामाजिक सरोकारों में अपनी श्रेष्ठ कला कार्य एवं रिकॉर्ड होल्डर के चलते डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है । इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत है, जो आज रंग लाई है ।
जर्नलिस्ट काउंसलिंग ऑफ इंडिया एवं लता फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में देश के विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया ।
यह कार्यक्रम कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया नई दिल्ली में आयोजित किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मणिपुर के महाराजा राज्यसभा सांसद सनाजोओबा लैशेमबा व अनिरुद्ध आचार्य महाराज रहे इस दीक्षांत समारोह में वेबेबिक यूनिवर्सिटी घाना के चांसलर डॉक्टर फेलिक्स ओफोसू डिजेन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस समारोह में अपने विभिन्न श्रेणी में उल्लेखनीय कार्य करने वाले अलग-अलग क्षेत्र की प्रतिभा को विबिक यूनिवर्सिटी घाना के चांसलर ने प्रतिभाओं को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
कुंचड़ोद क्षेत्र निवासी राहुल कुमार लोहार ने बताया कि देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में वेबिक यूनिवर्सिटी घाना की ओर से आयोजित दीक्षांत समारोह में देश-विदेश के प्रतिष्ठितbव्यक्तियों के बीच उन्होंने डॉक्टरेट की मानक उपाधि प्रदान की गई ।
इस समारोह में पूरी दुनिया भर से लोग यहां शिरकत करने के लिए पहुंचे थे लगभग देश-विदेश के 4000 लोगों के बीच उन्हें यह सम्मान दिया गया।
राहुल कुमार लोहार पिछले 20 साल से समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठ कला कार्य में कार्यरत है।
नीमच जिले के छोटे से गांव कुंचडोद निवासी राहुल कुमार लोहार को उनके श्रेष्ठ कला कार्य एवं रिकॉर्ड होल्डर के रूप में कुलपति डॉक्टर फेलिक्स ओफोसु डिजेन द्वारा ऑनोरिस कांसा (डॉक्टरेट की मानद उपाधि) का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। राहुल समाज सेवा के साथ-साथ अनोखी चित्रकला पर उल्लेखनीय कार्य किए हैं यह उपलब्धि इनके जीवन के 20 वर्षों के अद्भुत योगदान और मेहनत का परिणाम है।
राहुल अन्य लोगों को यह मैसेज देना चाहते हैं कि देश का सुनहरा भविष्य आज के युवाओं में निहित है यह अपने प्रतिभा का इस्तेमाल देश और समाज की उन्नति में खर्च करें। स्वयं को इस काबिल बनाए की जीवन में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम रहे
इस अवसर व प्रशांत कुमार भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट इलाहाबाद जेसीआई के डॉक्टर दानिश जमाल, डॉक्टर पंकज खटवानी, अनिरुद्ध मित्तल, डॉ. डी आर उपाध्याय नेपाल ,डॉक्टर मीरा राजपूत आदि गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे ।
ज्ञात हो कि जिले के छोटे से गांव कुंचड़ोद के रहने वाले युवा चित्रकार राहुल देव लोहार को गत वर्ष भी महाराष्ट्र में कला भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पुणे में ग्लोबल स्कॉलर्स फाउंडेशन संस्था द्वारा समाज सेवा व कला क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा देने वालों को सम्मानित किया गया था।
गोरतलब है कि कोरोना कल के दौरान भी राहुल द्वारा चित्रकार के जरिए एक अनोखा मास्क बनाया गया था जिसमें विश्व के उन 40 डॉक्टर के चित्र उकेरे गए थे, जो कोरोना से लोगों को बचाने के लिए चिकित्सा सेवा देते हुए कालकवलित हो गए थे। इस मास्क को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कर राहुल को प्रशस्ति प्रणाम पत्र और मेडल दिया गया था। राहुल की ऐसी कई कृतियां ने कला प्रेमियों का आकर्षित किया है

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